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Mother Day
Mother Day Poem in Hindi
Mother Day

Mother Day Poem in Hindi

admin March 10, 2022

Table of Contents

  • Best Mother Day Poem in Hindi
    • Poem On Mother Day in Hindi
    • Short Poem on Mother Day in Hindi
  • Poem On Mother Day in Hindi For 2022

Best Mother Day Poem in Hindi

हमारे हर मर्ज की दावा होती है माँ,
कभी डाट ती है हमे तो कभी गले लगा लेती है माँ|

हमारी आँखों के अंशु अपनी आँखों में समां लेती है माँ
अपने होठो की हंसी हम पर लुटा देती है माँ,

हमारी खुशियों में शामिल होकर अपने गम भुला देती है माँ|
जब भी कभी ठोकर लगे हमे याद आती है माँ,

दुनिया की तपिश में हमे अंचल की शीतल छाया देती है माँ|
खुद चाहे कितनी भी थकी हो हमे देख कर अपनी थकान भुला देती है माँ,

प्यार भरे हाथो से हमेशा हमारी थकान मिटा देती है माँ|
बात जब भी हो लज़ीज़ खाने की तो हमे याद आती है माँ,

रिस्तो को खूबसूरती से निभाहना सिखाती है माँ|
लफ्ज़ो मे जिसे बयां नहीं किया जा सके ऐसी होती है माँ,
भगवान भी जिसकी ममता के आगे छुक जाये ऐसी होती है माँ|

Poem On Mother Day in Hindi

जिंदगी की कड़ी धूप मे छाया मुझ पर कि
खड़ी रहती है सदा माँ मेरे लिये

माँ के आँचल मे आकर हर दुख भूल जाँऊ
हाथ रखे जो सर पे चैन से मै सो जाऊँ

वो जाने मुझे मुझसे ज्यादा, वो चाहे मुझे सबसे ज्यादा
मेरी हर खुशी को मुझे देने के लिये
खड़ी रहती है सदा माँ मेरे लिये

हर चोट का माँ है इकलौता मरहम
गोद मे उसकी सर रखके मिट जाये सारे गम

जिंदगी की हर घड़ी मे साथ उसका है जरूरी
माँ के साथ बिना हर खुशी है अधूरी

इस दुनिया के काँटो को फूल बनाये हुऐ
खड़ी रहती है सदा माँ मेरे लिये।

लब्बो पर उसके कभी बदुआ नहीं होती
बस एक माँ है जो कभी खफा नहीं होती
इस तरह वो मेरे गुनाहो को धो देती है
माँ बहुत गुस्से में होती है तो बस रो देती है

मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आंसु
मुदतो माँ ने नहीं धोया दुपटा अपना
अभी जिन्दा है मेरी माँ मुझे कुछ नहीं होगा

मै जब घर से निकलता हूँ तो दुआ भी साथ चलती है मेरे
जब भी कश्ती मेरी शेलाब में आ जाती है
माँ दुआ करती हुई खुआब में आ जाती है

ए अँधेरे देख ले तेरा मुंह कला हो गया
माँ ने आंखे खोल दी और घर में उजाला हो गया

मेरी खुआइश है की मै फिर से फ़रिश्ता हो जाऊ
माँ से इस तरह लिपटू की फिर से बच्चा हो जाऊ

Short Poem on Mother Day in Hindi

क्या सीरत क्या सूरत थी
माँ ममता की मूरत थी

पाँव छुए और काम बने
अम्मा एक महूरत थी

बस्ती भर के दुख सुख में
एक अहम ज़रूरत थी

सच कहते हैं माँ हमको
तेरी बहुत ज़रूरत थी

Poem On Mother Day in Hindi For 2022

घुटनों से रेंगते रेंगते
कब पैरों पर खड़ा हुआ,
तेरी ममता की छाओं में
जाने कब बड़ा हुआ!

काला टीका दूध मलाई
आज भी सब कुछ वैसा है,
मैं ही मैं हूँ हर जगह
प्यार यह तेरा कैसा है?

सीधा साधा भोला भाला
मैं ही सबसे अच्छा हूँ,
कितना भी हो जाऊं बड़ा
माँ, मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ!

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